
देश में लोकतंत्र की रक्षा के नाम पर फिर एक नया मार्च — और इस बार राहुल गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं। Election Commission (EC) को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी और INDIA Bloc ने आज दिल्ली की सड़कों पर वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुआ यह मार्च सीधे पहुंचा EC के गेट तक — लेकिन सवाल यह है: EC सुन रहा है या अब भी “मौन मोहन”?
अखिलेश बोले – “Ballot डलवा रही है पुलिस!”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने खुलकर राहुल गांधी का समर्थन किया और EC पर गंभीर आरोप मढ़ दिए। उनका दावा है कि “मिल्कीपुर उपचुनाव में वोट सादे कपड़ों वाले पुलिसवालों ने BJP के लिए डलवाए!”
उनके मुताबिक ये कोई नई बात नहीं है, बल्कि “वोट चोरी अब लोकतांत्रिक परंपरा बन चुकी है” — सिर्फ लड्डू की जगह EVM में घुस गया है।
प्रमोद तिवारी बोले – “राहुल गांधी = गांधी जी 2.0?”
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का बयान तो और भी दिलचस्प था। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी महात्मा गांधी के रास्ते पर चल रहे हैं, और ये मार्च लोकतंत्र की ‘नमक बचाओ यात्रा’ है।”
बस फर्क इतना है कि गांधी जी नमक के लिए निकले थे, और राहुल जी वोट की मिठास बचाने के लिए!
क्या ये मार्च लोकतंत्र को जगाएगा?
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विपक्ष ने पूरे तामझाम के साथ यह मुद्दा उठाया है। खासकर बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी कई सवाल उठाए गए हैं। INDIA Bloc का दावा है कि वोटर लिस्ट से विरोधी वोटर्स को ‘गायब’ किया जा रहा है और ‘selective democracy’ का खेल चल रहा है।

राहुल गांधी का यह मार्च एक राजनीतिक संदेश तो देता है कि विपक्ष अब चुप नहीं बैठेगा, लेकिन असली सवाल यह है कि — क्या इस विरोध का असर EC की कार्यप्रणाली पर पड़ेगा या सिर्फ ट्विटर ट्रेंड बनकर रह जाएगा?
और हां, अगली बार वोट डालते हुए EVM को थोड़ा ध्यान से देखिएगा… कहीं कोई अदृश्य उंगली तो नहीं?
